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समकालीन विश्व में लोकतंत्र | NCERT CLASS 9th POLITICAL SCIENCE CHAPTER 1

समकालीन विश्व में लोकतंत्र    लोकतंत्र के दो किस्से  चीले जिंदाबाद ! चिलवासी जिंदाबाद ! मजदुर जिंदाबाद ! ये साल्वाडोर आयेन्दे के आखिरी भाषण के कुछ अंश है |  वे दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के एक प्रमुख देश, चीले के राष्ट्रपति थे |  यह भाषण उन्होंने 11 सितम्बर, 1973 की सुबह दिया था  दिन फौज ने उनकी  सरकार का तख्तापलट कर दिया था |   आयेन्दे, चीले की सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक थे और उन्होंने 'पॉपुलर यूनिटी' नामक गठबंधन का नेतृत्व किया |  1970 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से आयेन्दे  गरीबो और मजदूरों के फायदे वाले अनेक कार्यक्रम शुरू कराए थे |  इनमे शिक्षा प्रणाली में सुधार , बच्चो को मुफ्त दूध बाटना और भूमिहीन किशानों को ज़मीन बाँटने के कार्यक्रम शामिल थे | उनका राजनैतिक गठबंधन विदेशी कम्पनियो द्वारा देश से ताम्बा जैसी प्राकृतिक सम्पदा को बाहर ले जाने के खिलाफ था | उनकी नीतियों को मुल्क में चर्च, जमींदार वर्ग और आमिर लोग पसंद नहीं करते थे | अन्य राजनैतिक पार्टिया इन नीतियों के खिलाफ थीं |  1973 का सैनिक तख्तापलट  11 सितंबर...

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Vedic Education System in Hindi | प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली

Vedic Education System in Hindi | प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली  Vedic Education System Bhartiya Ved | भारतीय वेद  Bhartiya Ved  वैदिक काल :- भारतीय वेद ( ऋग्वेद , यजुर्वेद , अथर्ववेद और सामवेद ) संसार के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं | सामान्यतः वेदों को धार्मिक ग्रंथों के रूप में देखा समझा जाता है , वेदों की रचना कब और किन विद्वानों ने की , इस विषय में भी विद्वान एक मत नहीं हैं | जर्मन विद्वान मेक्समूलर सबसे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत आकर इस क्षेत्र में शोध कार्य शुरू किया | उनके अनुसार, वेदों में सबसे प्राचीन ऋग्वेद है और इसकी रचना 1200 ई0 पू0 में हुई थी| लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने ऋग्वेद में वर्णित नक्षत्र स्थिति के आधार पर इसका रचना काल 4000 ई0 से 2500 ई0 पू0 सिद्ध किया है| इतिहासकार हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई में प्राप्त अवशेषों के आधार पर हमारी सभ्यता एवं संस्कृति को केवल ई0 पू0 3500 वर्ष पुरानी मानते हैं | हमारे देश भारत में ई0 पू0 7वीं शताब्दी में लोक भाषा प्राकृत और पाली थी | हमारे देश में संस्कृत भाषा का प्रय...

सफलता के सार सूत्र-Part 2

मनुष्य को आगे बढ़ना हो तो उसे ब्रिलिएंसी और इंटेलिजेंसी का फर्क मालूम होना जरुरी है by Deep Trivedi यानी इंटेलिजेंस के मामले में मेरे द्वारा किसी मनुष्य के साथ कोई पक्षपात नहीं हुआ है | मनुष्यों में फर्क सिर्फ इतना है कि जो इसे सक्रिय कर पाते हैं वे अपने समय व शक्ति बचा कर आगे निकल जाते है, और बाकी अपनी इंटेलिजेंस को सक्रिय न कर पाने के कारण कष्टों भरा साधारण जीवन गुजारने पर मजबूर होते हैं |                            और इससे पहले कि मैं आपसे मनुष्यों के मन में छिपी इस इंटेलिजेंस को उजागर करने के उपायों या उसके प्रभावों के बाबत चर्चा प्रारम्भ करूं, आपको इंटेलिजेंस व ब्रिलिएंसी का फर्क समझाता हूँ | यह फर्क बड़ा ही सूक्ष्म परन्तु महत्वपूर्ण है | और इस फर्क का ज्ञान आपको अपनी इंटेलिजेंस जगाने में बड़ी सहायता करेगा |                                       ब्रिलिएंसी बुद्धि का विषय है | और ब्रिलिएंट होना आवश्यक भी है तथा उपय...

सफलता के सार सूत्र

                                                      स फलता के सार सूत्र निश्चित ही मनुष्य-जीवन में जितना जरुरी दुखों व कष्टों से बचना है, उतना ही जरुरी सफलता के शिखर छूना भी है | क्योंकि यह बहुमूल्य जीवन किसी कीमत पर साधारण जीवन जीकर व्यर्थ नहीं गंवाया जा सकता | और फिर वैसे भी हर मनुष्य सफलता की चाह लिए जीता ही है तथा यह उसका जन्मसिद्ध अधिकार भी है | यह तो अपनी ही चन्द गलतियों तथा मेरी(मन) कार्यप्रणाली बाबत अज्ञानता के कारण पूरी मनुष्यता असफल हुई पड़ी है |                        सो, मैं सीधे उन सारे उपायों पर बातचीत प्रारम्भ करता हुँ, जिन्हे समझकर व अपनाकर आप सफलता के शिखर छू सकते हैं |                इंटेलिजेंस                                    ...