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समकालीन विश्व में लोकतंत्र | NCERT CLASS 9th POLITICAL SCIENCE CHAPTER 1

समकालीन विश्व में लोकतंत्र    लोकतंत्र के दो किस्से  चीले जिंदाबाद ! चिलवासी जिंदाबाद ! मजदुर जिंदाबाद ! ये साल्वाडोर आयेन्दे के आखिरी भाषण के कुछ अंश है |  वे दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के एक प्रमुख देश, चीले के राष्ट्रपति थे |  यह भाषण उन्होंने 11 सितम्बर, 1973 की सुबह दिया था  दिन फौज ने उनकी  सरकार का तख्तापलट कर दिया था |   आयेन्दे, चीले की सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक थे और उन्होंने 'पॉपुलर यूनिटी' नामक गठबंधन का नेतृत्व किया |  1970 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से आयेन्दे  गरीबो और मजदूरों के फायदे वाले अनेक कार्यक्रम शुरू कराए थे |  इनमे शिक्षा प्रणाली में सुधार , बच्चो को मुफ्त दूध बाटना और भूमिहीन किशानों को ज़मीन बाँटने के कार्यक्रम शामिल थे | उनका राजनैतिक गठबंधन विदेशी कम्पनियो द्वारा देश से ताम्बा जैसी प्राकृतिक सम्पदा को बाहर ले जाने के खिलाफ था | उनकी नीतियों को मुल्क में चर्च, जमींदार वर्ग और आमिर लोग पसंद नहीं करते थे | अन्य राजनैतिक पार्टिया इन नीतियों के खिलाफ थीं |  1973 का सैनिक तख्तापलट  11 सितंबर...

Surya Grahan 21 June 2020 end of the world | Mayan calendar History


Surya Grahan 21 June 2020 end of the world | Mayan calendar History


surya grahan 21 june 2020 end of the world,
Surya Grahan

Earth will be destroyed on 21 June | 21 जून को खत् (world Will End) हो जाएगी दुनिया 


दोस्तों कैसे है आप सब, उम्मीद है स्वस्थ, तंदरुस्त, और ख़ुशी से होंगे आज का विषय कई सवालो को लेकर है (Surya Grahan 21 June 2020 end of the world )
पर उन सवालो मैं से एक है जीवन और मरण का, ये कहा तक सच है ये तो वक़्त ही बताएगा पर आपको और 
हमें इस बारे में सच जो जितना भी है और जैसा भी है जान लेना जरुरी है तो आइये जानते है 21 जून का राज़ 

माया कैलेंडरMayan Calendar )
mayan calender history,
Mayan Calender
 ये वो ही कैलेंडर है जिसकी तह पर 2012 का किस्सा गड़ा गया था उसी के आधार पर दुनिया के खात्मे ( Mayan Doomsday Calendar ) का एक और दावा अब इंटरनेट पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है | ऐसा दावा किया जा रहा है कि पूरी दुनिया 21 जून को ख़त्म ( world Will End ) हो जाएगी | आइये जानते हैं कि क्या है इस महाविनाशकारी दावे का आधार और सच्चाई।


  1. कोरोना वायरस महासंकट के बिच 21 जून क्या दुनिया ख़त्म हो जाएगी
  2. ग्रेगोरियन कैलेंडर है इस बात का राज
  3. वैज्ञानिक का दावा 21 जून दुनिया ख़त्म हो जायगी ?
  4. 21 जून 2020 ही है 21 दिसंबर 2012



  • कोरोना वायरस महासंकट के बिच 21 जून क्या दुनिया ख़त्म हो जाएगी 
    maya calender,
    maya calender


दोस्तों अभी संकट की घड़ी ख़त्म ही नहीं हुई थी की दक्षिण अमेरिका देशों में इस्तेमाल किए जाने वाले माया सभ्यता के कैलेंडर को लेकर पिछले कई साल से दुनियाभर में चल रहे दावों में अब एक और जुड़ गया है।  जहा कोरोना वायरस महासंकट के बिच 21 को यह दुनिया खत्म हो जाएगी।  ऐसा दावा किया गया है कोरोना महासंकट के बावजूद अभी सबसे ख़राब समय आना बाकि है।  इस ताजा दावे के बाद कई लोग डरे हुए हैं और इंटरनेट पर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है। 


  • ग्रेगोरियन कैलेंडर है इस बात का राज 
    gregorian calendar
    gregorian calendar

दुनिया के खात्मे का यह दावा इस बात पर आधारित है कि ग्रेगोरियन कैलेंडर को वर्ष 1582 में लागू  किया गया था। उस समय साल से 11 दिन कम हो गए थे। ये 11 दिन सुनने में तो बहुत कम लगते है लेकिन 286 साल में यह लगातार बढ़ता गया है।  दुनियाभर में चल रही साजिशों पर नजर रखने वाले कुछ लोगों का दावा है कि हमें वर्ष 2012 में होना चाहिए।  इस दावे को वैज्ञानिक पाओलो तगलोगुइन के एक ट्वीट से और ज्यादा बल मिला है।  

  • वैज्ञानिक का दावा 21 जून क्या दुनिया ख़त्म हो जायगी ?


वैज्ञानिक पाओलो तगलोगुइन ने अपने ट्वीट में कहा कि जूलियन कैलेंडर को अगर फॉलो करें तो हम तकनीकी रूप से वर्ष 2012 में हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर में जाने से हमें एक साल में 11 दिनों का नुकसान हुआ।ग्रेगोरियन कैलेंडर को लागु हुए 268 साल (1762-2020) बीत चुके हैं।  इस तरह से अगर 11 से गुणा करें तो 2948 दिन होते हैं।  2948 दिन बराबर 8 साल होते हैं। हालाँकि बाद में वैज्ञानिक पाओलो तगलोगुइन में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।  

  • 21 जून 2020 ही है 21 दिसंबर 2012

वैज्ञानिक पाओलो के ट्वीट के बाद अब लोगों का कहना है कि 21 जून 2020 दरअसल, 21 दिसंबर, 2012 है।  बता दे कि वर्ष 2012 में भी इस तरह के दावे किये गए थे कि 21 दिसंबर को दुनिया का अंत हो जाएगा।  दरअसल, इस पुरे दावे की शुरआत उस दावे से हुई जिसमें कहा जा रहा था कि सुमेरिअन लोगों ने एक ग्रह नीबीरू की खोज की थी।  नीबीरू ग्रह अब पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है।  सबसे पहले दावा किया गया था कि मई 2003 में दुनिया का खात्मा हो जायेगा लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो इसकी डेट बढाकर 21 दिसंबर 2012 कर दी गई। 


माया कैलेंडर हिस्ट्री 

माया कैलेंडर ( मायान/मायन या मयन/मेसो ) अमेरिकन सभ्यता की देन है। क़रीब 250 से लेकर 900 ईसा पूर्व (AD ) तक उत्तरी और मध्य अमेरिका (साउथ ईस्ट मेक्सिको, बैलीज़, पश्चिमी होंडुराम और अल सल्वाडोर ) में माया संस्कृति नामक एक प्राचीन सभ्यता विकसित हुई थी।  इसे मेसो-अमेरिकन सभ्यता भी कहा जाता है।  माया सभ्यता कोलम्बियाई मीसो अमेरिकी सभ्यता से पहले की मानी जाती है।  जहां पर आज मेक्सिको का यूकाटन नामक स्थान है वहां किसी जमाने में माया सभ्यता के लोग रहा करते थे।  माया सभ्यता के लोग कला, गणित, वास्तुशास्त्र, ज्योतिष और लेखन आदि के क्षेत्र में काफ़ी अग्रणी थे।  स्पेनी आक्रांताओं  बाद उनकी सभ्यता और संस्कृति का धीरे-धीरे क्षरण होने लगा।  ग्वाटेमाला, मैक्सिकों, हॉण्डुराम तथा यूकाटन प्रायद्वीप में इस सभ्यता के अवशेष खोजकर्ताओं को मिले हैं।

  1. ऐतिहासिक प्रमाण 
  2. गणित और खगोल के क्षेत्र में विकास 
  3. माया सभ्यता के बारे में 
  4. माया केलिन्डर के महीने 
  5. अंत 21 दिसंबर 2012 

ऐतिहासिक प्रमाण

यूं  तो इस इलाक़े में ईसा से दस हज़ार साल पहले से बसावट शुरू होने के प्रमाण मिले हैं और 1800 ईसा पूर्व से प्रशांत महासागर के तटीय इलाक़ों में गांव भी बसने शुरू हो चुके थे।  लेकिन कुछ पुरातत्व वेत्ताओं का मानना है कि ईसा से कोई एक हज़ार साल पहले, माया सभ्यता के लोगों ने आनुष्ठानिक इमारतें बनाना शुरू कर दिया था और 600 साल ईसापूर्व तक बहुत से परिसर बना लिए थे।  सन 250 से 900 के बीच विशाल स्तर पर भवन निर्माण कार्य हुआ, शहर बसे।  इसे कलात्मक विकास का स्वर्ण युग कहा जाता है।  कृषि का विकास हुआ और नगर प्रधान राज्य बने।  उनकी सबसे उल्लेखनीय इमारतें पिरामिड हैं जो उन्होंने धार्मिक केंद्रों में बनाई लेकिन फिर सन 900 के बाद माया सभ्यता के इन नगरों का हास होने लगा और नगर ख़ाली हो गए।  ऐसा क्यों हुआ इसपर बहुत से मत हैं।  कुछ का मानना है कि विदेशी आक्रमण या विद्रोह के कारण इस सभ्यता का पतन हुआ  और कुछ कहते हैं कि किसी प्राकृतिक विपदा या महामारी के कारण ऐसा हुआ।  

गणित और खगोल के क्षेत्र में विकास

प्राचीन माया सभ्यता के काल में गणित और खगोल के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास हुआ।  माया संस्कृति के लोग प्रखर खगोलशास्त्री और ज्योतिष थे।  इस मेसो अमेरिकन सभ्यता की सबसे बड़ी खासियत इसका खगोलीय ज्ञान थी।  इस सभ्यता ने शुक्र को आधार बनाकर भविष्यवाणी की।  इस सभ्यता ने चन्द्रमा से धरती की दुरी और विभिन्न ग्रहों की स्थिति की इतनी सटीक जानकारी दी कि वैज्ञानिक भी हैरत में है।  माया-सभ्यता के युग के लोगों ने विभिन्न घटनाओं, धार्मिक त्योहारों और जन्म-मरण संबंधी बातों का रिकॉर्ड रखने के लिए कैलेंडर का विकास किया था।  अपने ज्ञान के आधार पर माया लोगों ने एक कैलेंडर बनाया था।  कहा जाता है कि उनके द्वारा बनाया गया कैलेंडर इतना सटीक निकला है कि आज के सुपर कंप्यूटर भी उसकी गणनाओ में 0.06 तक का ही फर्क निकाल सके और माया कैलेंडर के अनेक आकलन, जिनकी गणना हजारों सालों पहले की गई थी, सही साबित हुई हैं।

माया सभ्यता के बारे में

माया कैलेंडर का एक साल 290 दिन का होता है।  माया कैलेंडर में तारीख तीन प्रकार से निर्धारित होती है।  तारीख का निर्धारण लम्बी गिनती , जॉलकिन यानी ईश्वरीय कैलेंडर और हाब यानि लोक कैलेंडर के जरिए होता है. इन्ही के आधार पर माया सभ्यता के लोग भविष्यवाणियां करते है. माया सभ्यता की गणना और पंचांग को ही माया कैलेंडर कहा जाता है।  माया कैलेंडर में 20-20 दिनों के 18 महीने होते थे और 365 दिन पूरा करने के लिए 5 दिन अतिरिक्त जोड़ दिए जाते थे।  इन 5 दिनों को अशुभ माना जाता था। 

माया कैलेंडर के महीने 

  1. Pop (पॉप)
  2. Uo (उओ)
  3. Zip (जिप)
  4. Zotz (जॉटज)
  5. Tzec (तीजेक)
  6. Xul (जुल)
  7. Yaxkin (याक्स्किन)
  8. Mol (मोल)
  9. Chen (चेन)
  10. Yax (याक्स)
  11. Zac (जैक)
  12. Ceh (सेह)
  13. Mac (मैक)
  14. Kankin (कान किन)
  15. Muan (मुआन)
  16. Pax (पैक्स)
  17. Kayab (कयाब)
  18. Cumbu (कुम्बु)

अंत 21 दिसंबर 2012

माया सभ्यता के लोगों की मान्यता थी कि  जब उनके कैलेंडर की तारीखे ख़त्म होती हैं, तो धरती पर प्रलय आता है और नए युग की शुरुआत होती है।  उनके द्वारा विकसित लोग काउंट कैलेंडर ई. पू. 3114 (BC) से शुरू हो रहा है, जो बक्तूनों में बंटा है।  इस कैलेंडर के हिसाब से 394 साल का एक बक्तून होता है और पूरा कैलेंडर 13 बक्तूनों में बटा है।माया संस्कृति के लोग 13 के आँकड़े को बहुत महत्व देते थे और 13वां बक्तून 21 दिसंबर 2012 के आसपास समाप्त होता है।  इसलिए माना गया कि 21 दिसंबर, 2012 को पृथ्वी का विनाश हो जायेगा।  कैलेंडर के अनुसार यह बताया गया कि प्लैने-एक्स निबिरु नाम का एक ग्रह दिसंबर-2012 को पृथ्वी से टकराएगा और यह टक्कर सुनामी, भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट पैदा करेगी और इस पृथ्वी का नामोनिशान मिट जाएगा।  इसके अलावा, इस कैलेंडर ने यह भविष्यवाणी भी की थी कि 26 हज़ार साल में पहली बार सूर्य आकाशगंगा के मध्यवर्ती समतल को पार करेगा।  यह धरती के लिए काफ़ी विनाशकारी साबित होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, क्योकि नासा एस्ट्रोबायोलॉजी इंस्टिट्यूट के सीनियर साइंटिस्ट डेविड मोरिसन ने कहा कि सूर्य के आकाशगंगा के मध्यवर्ती समतल को पार करने की बात ही सही नहीं है।  नेशनल गेओग्रफिक न्यूज़ ने अपनी एक रिपोर्ट में भी इन आशंकाओं को वैज्ञानिक साक्ष्यों की आधार पर सिलसिलेवार ढंग से पूरी तरह ख़ारिज कर दिखाया।  कोर्नल विश्वविद्यालय में खगोलविद एन मार्टिन के अनुसार मायन कैलेंडर का डिजाइन आवर्ती है।  ऐसे में यह कहना कि दीर्घ गणना दिसंबर 2012 को समाप्त हो रही है, सही नहीं है।  एन का कहना है कि यह महज मायन समाज में महान कैलेंडर चक्र की समाप्ति है।  यह बिलकुल वैसा ही है जैसे हमारी सभ्यता नई सहस्रताब्दी का स्वागत किया था। इस प्रकार यह माना जा सकता है कि  माया कैलेंडर के वर्ष का समाप्त होना बिलकुल सामान्य घटना है।  माया कैलेंडर में एक साथ दो दो साल, पहला 260 दिनों का और दूसरा 365 दिनों के चलते थे।  
365 दिन का साल तो निश्चित तौर पर सौर गति पर आधारित होता होगा, जबकि 260 दिनों का साल सम्भवतः 9 चंद्रमास का होता हो।  इस तरह इसके 4 चंद्रवर्ष पुरे होने पर 3 सौरवर्ष ही पुरे होते होंगे, जिसका सटीक तालमेल करते हुए वर्ष के आकलन के साथ ही साथ ग्रह नक्षत्रों और सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण तक के आकलन का उन्हें विशिष्ट ज्ञान था।  इससे उनके गणित ज्योतिष के विशेषज्ञ होने का पता तो चलता है, पर फलित ज्योतिष की विशेषज्ञता की पुष्टि नहीं होती है।

तो ये था माया सभ्यता के उस कैलेंडर का राज जिसके आधार पर कहा जा रहा था दुनिया का अंत नजदीक है  अब आप इस सचाई को जान चुके है मेरा मकसत सिर्फ ज्ञान देना नहीं जागरूकता का प्रसार भी है मैं आपने छोटे मोठे प्रयासों से आपके लिए इसी तरह के ज्ञान वर्धक article लाता रहता हु और अगर आपको ये article "Surya Grahan 21 June 2020 end of the world | Mayan calendar History" तो फॉलो भी जरूर कर देना धन्यवाद।     






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