समकालीन विश्व में लोकतंत्र लोकतंत्र के दो किस्से चीले जिंदाबाद ! चिलवासी जिंदाबाद ! मजदुर जिंदाबाद ! ये साल्वाडोर आयेन्दे के आखिरी भाषण के कुछ अंश है | वे दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के एक प्रमुख देश, चीले के राष्ट्रपति थे | यह भाषण उन्होंने 11 सितम्बर, 1973 की सुबह दिया था दिन फौज ने उनकी सरकार का तख्तापलट कर दिया था | आयेन्दे, चीले की सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक थे और उन्होंने 'पॉपुलर यूनिटी' नामक गठबंधन का नेतृत्व किया | 1970 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से आयेन्दे गरीबो और मजदूरों के फायदे वाले अनेक कार्यक्रम शुरू कराए थे | इनमे शिक्षा प्रणाली में सुधार , बच्चो को मुफ्त दूध बाटना और भूमिहीन किशानों को ज़मीन बाँटने के कार्यक्रम शामिल थे | उनका राजनैतिक गठबंधन विदेशी कम्पनियो द्वारा देश से ताम्बा जैसी प्राकृतिक सम्पदा को बाहर ले जाने के खिलाफ था | उनकी नीतियों को मुल्क में चर्च, जमींदार वर्ग और आमिर लोग पसंद नहीं करते थे | अन्य राजनैतिक पार्टिया इन नीतियों के खिलाफ थीं | 1973 का सैनिक तख्तापलट 11 सितंबर...
कब है योगिनी एकादशी | Yogini Ekadashi kab hai
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Yogini Ekadashi |
हिंदी पंचांग के अनुसार,
आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है | इस बार योगिनी एकादशी 17 जून को मनाई जाएगी | इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-उपासना की जाती है | ऐसी मान्यता है कि इस व्रत पुण्य-प्रताप से व्रती को बुरे से बुरे पापकर्मों के पाश से मुक्ति मिल जाती है | साथ ही भौतिक जीवन में सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं | आइए, इस व्रत की पूजा, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में जानते हैं-
एकादशी व्रत का शुभ महूर्त
एकादशी तिथि आरम्भ : 16 जून प्रातः 5:40 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त: 17 जून सुबह 7:50 तक
पारण: 18 जून प्रातः 5:28 बजे के बाद
Ekadashi Vrat Vidhi | योगिनी एकादशी पूजा विधि | |
इस व्रत की शुरुआत दशमी तिथि से हो जाती है | इस दिन व्रती को लहसुन, प्याज और तामसी भोजन का परित्याग कर देना चाहिए | उषाकाल में भूमि पर शयन करना चाहिए | एकादशी को ब्रह्म बेला में उठकर सर्वप्रथम अपने आराध्य देव को स्मरण और प्रणाम करना चाहिए | इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्न्नान करना चाहिए | ततपश्चात, आचमन कर व्रत संकल्प लें | अब भगवान भास्कर को जल का अर्घ दें | इसके बाद भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा, फल, फूल, दूध, दही, पंचामृत, कुमकुम, तांदुल, धुप-दीप आदि से करें | दिनभर उपवास रखें | व्रती चाहे तो दिन में एक फल और एक बार पानी ग्रहण कर सकते हैं | शाम में आरती-प्रार्थना के बाद फलाहार करें | अगले दिन पूजा-पाठ सम्पन्न कर व्रत खोलें
मोक्षदात्री मानी जाती है यह एकादशी
योगिनी एकादशी व्रत महत्व
धार्मिक ग्रंथों में एकादशी की महत्ता को बताया गया है | स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अगहन माह में शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को गीता उपदेश दिया है | अतः एकादशी पर्व का विशेष महत्व है | ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्रती को हजारों ब्राह्मणों को भोजन कराने के समतुल्य फल की प्राप्ति होती है | इसके साथ ही व्रती के सभी दुःख, दर्द, कष्ट और क्लेश दूर हो जाता हैं |
क्या है योगिनी एकादशी की महिमा |
why ekadashi is important |
इधर, धरती पर आने के बाद कोढ़ और भूख-प्यास की पीड़ा के बावजूद वो नियमित रूप से भगवान की शिव की आराधना में जुटा रहा | एक दिन घूमते-घूमते महर्षि मार्कण्डेय के आश्रम में पहुंच गया | महर्षि को उसकी स्थिति पर बड़ा दया आयी और उन्होंने माली को योगिनी एकादशी करने को कहा | महर्षि के बतायेनुसार योगिनी एकादशी व्रत करने से माली को शाप से मुक्ति मिल गई और सुख पूर्वक जीवन जीने लगा |
namskar dosto main hu jatin pathak or ummid karata hu aapko ye article aaj ki "yogini ekadashi june 2020" ke madhyam se ek sahi jankari tak jarur pahuche honge or yaadi mere koi truti ho to jarur comment box me batana or main isi tarah or bhi article knowledge or world ki kahani aaplogo ke madhyam se likta rahunga dhanywad..
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