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Class 6 Geography Chapter 2 | Globe Latitudes and Longitudes Explained i...

Surya Grahan 21 June 2020 end of the world | Mayan calendar History

Surya Grahan 21 June 2020 end of the world | Mayan calendar History Surya Grahan Earth will be destroyed on 21 June | 21 जून को खत् ‍ म (world Will End) हो जाएगी दुनिया  दोस्तों कैसे है आप सब, उम्मीद है स्वस्थ, तंदरुस्त, और ख़ुशी से होंगे आज का विषय कई सवालो को लेकर है ( Surya Grahan 21 June 2020 end of the world ) पर उन सवालो मैं से एक है जीवन और मरण का, ये कहा तक सच है ये तो वक़्त ही बताएगा पर आपको और  हमें इस बारे में सच जो जितना भी है और जैसा भी है जान लेना जरुरी है तो आइये जानते है 21 जून का राज़  माया कैलेंडर (  Mayan Calendar ) Mayan Calender  ये वो ही कैलेंडर है जिसकी तह पर 2012 का किस्सा गड़ा गया था उसी के आधार पर दुनिया के खात्मे (  Mayan Doomsday Calendar ) का एक और दावा अब इंटरनेट पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है | ऐसा दावा किया जा रहा है कि पूरी दुनिया 21 जून को ख़त्म (  world Will End ) हो जाएगी | आइये जानते हैं कि क्या है इस महाविनाशकारी दावे का आधार और सच्चाई। कोरोना वायरस महासंकट के बिच 21 जून ...

Yogini Ekadashi June 2020 | तिथि, व्रत का शुभ महूर्त, पूजा विधि, महत्व

कब है योगिनी एकादशी  | Yogini Ekadashi kab hai Yogini Ekadashi हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है | इस बार योगिनी एकादशी 17 जून को मनाई जाएगी | इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-उपासना की जाती है | ऐसी मान्यता है कि इस व्रत  पुण्य-प्रताप से व्रती को बुरे से बुरे पापकर्मों के पाश से मुक्ति मिल जाती है | साथ ही भौतिक जीवन में सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं | आइए, इस व्रत की पूजा, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में जानते हैं- एकादशी व्रत का शुभ महूर्त  एकादशी तिथि आरम्भ : 16 जून प्रातः 5:40 बजे से एकादशी तिथि समाप्त: 17 जून सुबह 7:50 तक पारण : 18 जून प्रातः 5:28 बजे के बाद

Vedic Education System in Hindi | प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली

Vedic Education System in Hindi | प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली  Vedic Education System Bhartiya Ved | भारतीय वेद  Bhartiya Ved  वैदिक काल :- भारतीय वेद ( ऋग्वेद , यजुर्वेद , अथर्ववेद और सामवेद ) संसार के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं | सामान्यतः वेदों को धार्मिक ग्रंथों के रूप में देखा समझा जाता है , वेदों की रचना कब और किन विद्वानों ने की , इस विषय में भी विद्वान एक मत नहीं हैं | जर्मन विद्वान मेक्समूलर सबसे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत आकर इस क्षेत्र में शोध कार्य शुरू किया | उनके अनुसार, वेदों में सबसे प्राचीन ऋग्वेद है और इसकी रचना 1200 ई0 पू0 में हुई थी| लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने ऋग्वेद में वर्णित नक्षत्र स्थिति के आधार पर इसका रचना काल 4000 ई0 से 2500 ई0 पू0 सिद्ध किया है| इतिहासकार हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई में प्राप्त अवशेषों के आधार पर हमारी सभ्यता एवं संस्कृति को केवल ई0 पू0 3500 वर्ष पुरानी मानते हैं | हमारे देश भारत में ई0 पू0 7वीं शताब्दी में लोक भाषा प्राकृत और पाली थी | हमारे देश में संस्कृत भाषा का प्रय...

सफलता के सार सूत्र-Part 2

मनुष्य को आगे बढ़ना हो तो उसे ब्रिलिएंसी और इंटेलिजेंसी का फर्क मालूम होना जरुरी है by Deep Trivedi यानी इंटेलिजेंस के मामले में मेरे द्वारा किसी मनुष्य के साथ कोई पक्षपात नहीं हुआ है | मनुष्यों में फर्क सिर्फ इतना है कि जो इसे सक्रिय कर पाते हैं वे अपने समय व शक्ति बचा कर आगे निकल जाते है, और बाकी अपनी इंटेलिजेंस को सक्रिय न कर पाने के कारण कष्टों भरा साधारण जीवन गुजारने पर मजबूर होते हैं |                            और इससे पहले कि मैं आपसे मनुष्यों के मन में छिपी इस इंटेलिजेंस को उजागर करने के उपायों या उसके प्रभावों के बाबत चर्चा प्रारम्भ करूं, आपको इंटेलिजेंस व ब्रिलिएंसी का फर्क समझाता हूँ | यह फर्क बड़ा ही सूक्ष्म परन्तु महत्वपूर्ण है | और इस फर्क का ज्ञान आपको अपनी इंटेलिजेंस जगाने में बड़ी सहायता करेगा |                                       ब्रिलिएंसी बुद्धि का विषय है | और ब्रिलिएंट होना आवश्यक भी है तथा उपय...

सफलता के सार सूत्र

                                                      स फलता के सार सूत्र निश्चित ही मनुष्य-जीवन में जितना जरुरी दुखों व कष्टों से बचना है, उतना ही जरुरी सफलता के शिखर छूना भी है | क्योंकि यह बहुमूल्य जीवन किसी कीमत पर साधारण जीवन जीकर व्यर्थ नहीं गंवाया जा सकता | और फिर वैसे भी हर मनुष्य सफलता की चाह लिए जीता ही है तथा यह उसका जन्मसिद्ध अधिकार भी है | यह तो अपनी ही चन्द गलतियों तथा मेरी(मन) कार्यप्रणाली बाबत अज्ञानता के कारण पूरी मनुष्यता असफल हुई पड़ी है |                        सो, मैं सीधे उन सारे उपायों पर बातचीत प्रारम्भ करता हुँ, जिन्हे समझकर व अपनाकर आप सफलता के शिखर छू सकते हैं |                इंटेलिजेंस                                    ...

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सफलता के सार सूत्र-Part 2

मनुष्य को आगे बढ़ना हो तो उसे ब्रिलिएंसी और इंटेलिजेंसी का फर्क मालूम होना जरुरी है by Deep Trivedi यानी इंटेलिजेंस के मामले में मेरे द्वारा किसी मनुष्य के साथ कोई पक्षपात नहीं हुआ है | मनुष्यों में फर्क सिर्फ इतना है कि जो इसे सक्रिय कर पाते हैं वे अपने समय व शक्ति बचा कर आगे निकल जाते है, और बाकी अपनी इंटेलिजेंस को सक्रिय न कर पाने के कारण कष्टों भरा साधारण जीवन गुजारने पर मजबूर होते हैं |                            और इससे पहले कि मैं आपसे मनुष्यों के मन में छिपी इस इंटेलिजेंस को उजागर करने के उपायों या उसके प्रभावों के बाबत चर्चा प्रारम्भ करूं, आपको इंटेलिजेंस व ब्रिलिएंसी का फर्क समझाता हूँ | यह फर्क बड़ा ही सूक्ष्म परन्तु महत्वपूर्ण है | और इस फर्क का ज्ञान आपको अपनी इंटेलिजेंस जगाने में बड़ी सहायता करेगा |                                       ब्रिलिएंसी बुद्धि का विषय है | और ब्रिलिएंट होना आवश्यक भी है तथा उपय...

सफलता के सार सूत्र

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